प्रयागराज में जारी महाकुंभ में लाखों-करोड़ों भक्त गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं। यह महाकुंभ, जो लगभग डेढ़ महीने तक चलता है, साधु-संतों और बाबाओं की उपस्थिति के लिए भी प्रसिद्ध है। महाकुंभ मेले में आईआईटी बाबा ने व्यापक ध्यान आकर्षित किया, आईआईटी बाबा' के नाम से मशहूर अभय सिंह भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, बॉम्बे (आईआईटी-बी) से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग स्नातक हैं।
![]() |
आईं आई टी बाबा अभय सिंह |
मूल रूप से हरियाणा के रहने वाले अभय सिंह ने कनाडा में एक सफल करियर बनाया, जहाँ उन्हें हर महीने लगभग ₹3 लाख की कमाई होती थी। हालाँकि, विदेश में रहने के दौरान अभय सिंह को निराशा का सामना करना पड़ा, जिसके कारण उन्हें जीवन में गहरे अर्थ तलाशने पड़े। इस खोज ने उन्हें अपनी आकर्षक नौकरी छोड़ने और आध्यात्मिक मार्ग अपनाने के लिए प्रेरित किया।
आईआईटी स्नातक से तपस्वी बनने के उनके अनोखे अनुभव ने कई लोगों को आकर्षित किया
हाल ही में, कुंभ मेले में 16 माडी आश्रम से अभय सिंह के अचानक चले जाने की खबरें सामने आईं। इन दावों पर प्रतिक्रिया देते हुए अभय सिंह ने स्पष्ट किया कि उन्हें आश्रम के संचालकों ने संभवतः उनकी बढ़ती लोकप्रियता के कारण आश्रम छोड़ने के लिए कहा था। उन्होंने अपने मानसिक स्वास्थ्य और मादक द्रव्यों के सेवन से संबंधित आरोपों का खंडन किया, और इस बात पर जोर दिया कि ऐसे दावे निराधार हैं
अभय सिंह की आप बीती
अपनी जिंदगी की कहानी बताते हुए अभय सिंह ने स्वीकार किया कि वे एक समय डिप्रेशन से जूझ रहे थे। एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि जब उन्होंने आईआईटी मुंबई में एडमिशन लिया, तो भविष्य को लेकर उनकी चिंताएं बढ़ गईं। वे समझ नहीं पा रहे थे कि आगे क्या करना है। इसी कशमकश के दौरान वे मानसिक तनाव का शिकार हो गए।
![]() |
आईं आई टी बाबा अभय सिंह |
उन्होंने कहा, "मैं डिप्रेशन में चला गया था। मुझे नींद नहीं आती थी। मैं यह समझने की कोशिश करता रहता था कि दिमाग क्या है और मुझे नींद क्यों नहीं आ रही है। इन सवालों का जवाब खोजने के लिए मैंने साइकोलॉजी की पढ़ाई की और इस्कॉन तथा भगवान कृष्ण के बारे में जाना।"
परिवार और समाज से संघर्ष
![]() |
आई आई टी बाबा अभय सिंह |
अभय सिंह ने यह भी बताया कि उनका बचपन संघर्षपूर्ण था। उन्होंने कहा कि वे कई बार घर छोड़ने की भी सोचते थे, क्योंकि पारिवारिक माहौल से वे परेशान थे। यही वजह थी कि उन्होंने आईआईटी मुंबई में दाखिला लिया और इंजीनियरिंग करने के लिए घर छोड़कर मुंबई चले गए।
उन्होंने आगे कहा, "लोग मुझे पागल कहते थे, लेकिन मुझे इन बातों से फर्क नहीं पड़ता था। मैं किसी विशेष मत या पंथ से जुड़ा नहीं हूं और न ही साधु-महंत हूं। मेरा उद्देश्य मोक्ष की राह में आने वाली हर मुश्किल को दूर करना है। मैं स्वतंत्र हूं और कुछ भी कर सकता हूं।"
झज्जर के साधक
हरियाणा के झज्जर जिले से ताल्लुक रखने वाले अभय सिंह ने अपनी मेहनत और लगन से आईआईटी का एंट्रेंस एग्जाम पहली ही बार में पास किया। हालांकि, वे एक सफल इंजीनियर बनने के बजाय आत्मा और जीवन के गहरे रहस्यों को जानने की ओर अग्रसर हो गए।
![]() |
आई आई टी बाबा अभय सिंह |
अभय सिंह का जीवन उन लोगों के लिए प्रेरणा है, जो भौतिक सुख-सुविधाओं से परे आत्मा की शांति और सत्य की तलाश में हैं। उनका कहना है कि "मोक्ष प्राप्ति के मार्ग में सबसे बड़ी चुनौती खुद को पहचानना और अपनी कमजोरियों से लड़ना है।"
अभय सिंह ने अपनी जिंदगी को दुनिया की मोह-माया से दूर कर लिया है। उन्होंने एक बाबा के रूप में जीवन का सत्य खोजने की ओर कदम बढ़ाया है। 'इंजीनियर बाबा' के नाम से वायरल हुए उनके वीडियो ने लाखों लोगों का ध्यान खींचा है। हालांकि, उन्होंने यह साफ कर दिया है कि वे किसी साधु-महंत के तौर पर नहीं, बल्कि मोक्ष के मार्ग में आने वाली बाधाओं को दूर करने के उद्देश्य से यह राह चुनी है।
महाकुंभ में उनकी मौजूदगी और विचारों ने न केवल भक्तों बल्कि आम लोगों के बीच भी एक नई सोच और प्रेरणा का संचार किया है।
ये भी पढ़ें
सलमान खान के कुत्ते टोरो का निधन, यूलिया वंतूर ने जताया शोक, शेयर की भावुक श्रद्धांजलि
ये भी पढ़ें-
Game Changer Movie review: राम चरण की दमदार एक्टिंग ने गेम चेंजर की रूटीन स्टोरी का खेल बदल दिया
ये भी पढ़ें-
घुसपैठिए ने किया सैफ अली खान पर हमला , शरीर पर छह घाव, एक चोट रीढ़ की हड्डी के पास, सर्जरी हुई
ये भी पढ़ें
'कलाम वर्ल्ड रिकॉर्ड्स'- 14 महीने की मासूम ''मनस्मिता" का कमाल
Post a Comment