प्रयागराज (उत्तर प्रदेश) - आस्था और अध्यात्म के सबसे बड़े संगम, महाकुंभ 2025 में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा है। अब तक 55 करोड़ से अधिक लोग संगम में पवित्र स्नान कर चुके हैं। भक्ति और श्रद्धा का यह महासमर पूरे विश्व में चर्चा का विषय बन गया है।
महाकुंभ में उमड़ी भीड़ के बारे में जानकारी सुनें 👇
आज के विशिष्ट आगंतुक: पूर्व उपराष्ट्रपति और आंध्र प्रदेश के डिप्टी CM
आज महाकुंभ में एक और खास दिन होगा, जब देश के पूर्व उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू और आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री एवं साउथ सुपरस्टार पवन कल्याण संगम में पवित्र स्नान करेंगे। उनकी उपस्थिति से कुंभ की गरिमा और भव्यता में और इजाफा होगा।
बॉलीवुड अभिनेत्री जूही चावला की खास मौजूदगी
महाकुंभ की अलौकिक भव्यता से बॉलीवुड अभिनेत्री जूही चावला भी अछूती नहीं रहीं। संगम में स्नान के बाद उन्होंने कहा, "यह मेरी जिंदगी की सबसे अच्छी सुबह है। यहाँ आकर मन को जो शांति और आनंद मिला, वह शब्दों में बयान करना मुश्किल है।" उनके इस अनुभव ने कुंभ के प्रति लोगों की उत्सुकता और बढ़ा दी है।
VIP जेटी पर भारी भीड़, सुरक्षा में सतर्कता
भीड़ के अत्यधिक दबाव के कारण VIP जेटी का एक हिस्सा एक ओर झुक गया, जिससे श्रद्धालुओं को सुरक्षित रूप से नीचे उतारा गया। प्रशासन ने तुरंत सतर्कता बरतते हुए भीड़ को नियंत्रित किया और किसी भी अप्रिय घटना को टाल दिया।
जाम से जूझते रास्ते, संगम तट पर भारी भीड़
महाकुंभ में उमड़ती भीड़ से प्रयागराज के सभी प्रमुख मार्ग जाम की स्थिति में हैं। संगम जाने वाले रास्तों पर भक्तों की लंबी कतारें देखी जा रही हैं। प्रशासन द्वारा लगातार व्यवस्था बनाए रखने के प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन श्रद्धालुओं की संख्या इतनी अधिक है कि हर तरफ मानव समुद्र दिखाई दे रहा है।
प्रशासन का अनुमान था कि वीकेंड के बाद भीड़ कम होगी। हालांकि, सोमवार को ही एक करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु स्नान के लिए पहुंचे। पुलिस बाहर से आने वाली गाड़ियों को शहर में एंट्री से पहले ही रोक रही है।
वहां से शटल बस और ई-रिक्शा चल रहे हैं, लेकिन भीड़ ज्यादा होने के चलते श्रद्धालुओं को संगम तक पहुंचने के लिए 10-12 किमी पैदल चलना पड़ रहा है।
महाकुंभ का आध्यात्मिक महत्व
महाकुंभ का आयोजन हर 12 साल में होता है और यह धार्मिक समागम न केवल भारत, बल्कि पूरे विश्व से श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है। मान्यता है कि इस महोत्सव में संगम में स्नान करने से समस्त पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
निष्कर्ष: आस्था का महासागर
महाकुंभ 2025 अपने चरम पर है। देश-विदेश से आए श्रद्धालुओं का जनसैलाब संगम तट पर धर्म और आस्था की एक नई गाथा लिख रहा है। कुंभ का यह पावन पर्व भारतीय संस्कृति और परंपरा का अद्भुत उत्सव है, जहां हर दिल में श्रद्धा की ज्योति जलती है और हर आत्मा गंगा की पवित्रता से सराबोर हो जाती है।
इस महाकुंभ से जुड़ी और ताजगी भरी खबरों के लिए हमारे साथ बने रहें और आस्था के इस महासागर में डुबकी लगाएं! जय गंगे! जय कुंभ!
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