राष्ट्रपति भवन में पहली बार बजेगी शादी की शहनाई : पूनम गुप्ता बनेंगी दुल्हन.....

राष्ट्रपति भवन के इतिहास में पहली बार, शहनाई की मधुर ध्वनि गूंजने वाली है। मध्य प्रदेश के शिवपुरी की निवासी और सीआरपीएफ की सहायक कमांडेंट पूनम गुप्ता का विवाह 12 फरवरी को राष्ट्रपति भवन के मदर टेरेसा क्राउन परिसर में संपन्न होगा। इस ऐतिहासिक अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सहित कई प्रमुख राजनीतिक हस्तियां उपस्थित रहेंगी।


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पूनम गुप्ता 


भारत की सुरक्षा में अपना जीवन समर्पित करने वाले जवानों की वीरता और समर्पण की कहानियां हमेशा से ही प्रेरणादायक रही हैं। ऐसी ही एक शख्सियत हैं केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) की असिस्टेंट कमांडेंट पूनम गुप्ता। उनकी जीवन यात्रा न केवल संघर्ष और सफलता की मिसाल है, बल्कि यह साबित करती है कि मेहनत और लगन से कोई भी मुकाम हासिल किया जा सकता है। आज हम पूनम गुप्ता के जीवन के बारे में विस्तार से जानेंगे और समझेंगे कि कैसे उन्होंने अपने सपनों को साकार किया। 


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पूनम गुप्ता: एक परिचय


पूनम गुप्ता का जन्म एक साधारण परिवार में हुआ था। उनके माता-पिता ने हमेशा उन्हें शिक्षा और आत्मनिर्भरता के महत्व को समझाया। पढ़ाई में तेज और खेलकूद में रुचि रखने वाली पूनम ने बचपन से ही अपने लक्ष्यों को लेकर स्पष्टता बनाई। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद कॉलेज में दाखिला लिया और स्नातक की डिग्री हासिल की। पूनम ने जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर से गणित में स्नातक, अंग्रेजी साहित्य में परास्नातक और बी.एड की डिग्री प्राप्त की है। 2018 में, उन्होंने यूपीएससी CAPF परीक्षा में 81वीं रैंक हासिल की थी।


 

 

CRPF में शामिल होने का सफर

 

CRPF भारत की सबसे बड़ी अर्धसैनिक बल है, जो देश की आंतरिक सुरक्षा में अहम भूमिका निभाती है। इस बल में शामिल होना कोई आसान काम नहीं है, क्योंकि इसके लिए शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत होना जरूरी है। पूनम गुप्ता ने इस चुनौती को स्वीकार किया और असिस्टेंट कमांडेंट के पद के लिए तैयारी शुरू कर दी।  


उन्होंने कड़ी मेहनत और अनुशासन के साथ परीक्षा की तैयारी की। शारीरिक परीक्षा, लिखित परीक्षा और इंटरव्यू के सभी चरणों में उन्होंने अपनी काबिलियत साबित की। आखिरकार, उन्हें CRPF असिस्टेंट कमांडेंट के पद पर नियुक्त किया गया।  CRPF में शामिल होने के बाद पूनम गुप्ता ने कई महत्वपूर्ण मिशनों में हिस्सा लिया है। उन्होंने आतंकवाद और नक्सलवाद से लड़ने वाले ऑपरेशन्स में अपनी भूमिका निभाई है।


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पूनम गुप्ता वर्तमान में राष्ट्रपति भवन में पर्सनल सिक्योरिटी ऑफिसर (PSO) के रूप में तैनात हैं। उन्होंने 74वें गणतंत्र दिवस परेड में सीआरपीएफ की महिला टुकड़ी का नेतृत्व किया था, जिससे उनकी कर्तव्यनिष्ठा और नेतृत्व क्षमता की सराहना हुई।


राष्ट्रपति भवन में विवाह: एक ऐतिहासिक पहल

पूनम गुप्ता 


राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पूनम गुप्ता के आचरण और समर्पण से प्रभावित हैं। जब उन्हें पूनम की शादी की जानकारी मिली, तो उन्होंने स्वयं राष्ट्रपति भवन के मदर टेरेसा क्राउन परिसर में विवाह समारोह आयोजित करने का प्रस्ताव दिया। यह पहली बार है जब राष्ट्रपति भवन में किसी अधिकारी का विवाह संपन्न होगा, जो इसे और भी विशेष बनाता है। 

पूनम के माता-पिता दिल्ली पहुंच चुके हैं, और विवाह की तैयारियां जोरों पर हैं। शादी में केवल करीबी रिश्तेदार और मित्र ही शामिल होंगे। राष्ट्रपति भवन में प्रवेश के लिए आवश्यक औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं, ताकि मेहमानों को किसी प्रकार की असुविधा न हो।

राष्ट्रपति भवन में होने वाला यह विवाह न केवल पूनम गुप्ता के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का विषय है। यह समारोह सीआरपीएफ के समर्पित अधिकारियों के प्रति सम्मान और प्रशंसा का प्रतीक है।


पूनम गुप्ता के होने वाले पति


पूनम गुप्ता का विवाह सीआरपीएफ के असिस्टेंट कमांडेंट अवनीश कुमार से होगा, जो वर्तमान में जम्मू-कश्मीर में तैनात हैं। यह विवाह न केवल पूनम और उनके परिवार के लिए, बल्कि सीआरपीएफ के इतिहास में भी एक महत्वपूर्ण घटना होगी।  


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पूनम गुप्ता: एक प्रेरणा 


पूनम गुप्ता की कहानी न केवल CRPF के जवानों के लिए बल्कि हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणादायक है जो अपने सपनों को पूरा करना चाहता है। उन्होंने साबित किया है कि अगर आपके अंदर जुनून और लगन है, तो कोई भी मुकाम हासिल किया जा सकता है। उनकी कहानी न केवल महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देती है, बल्कि यह युवाओं को अपने सपनों को पूरा करने के लिए प्रेरित करती है।   


आज पूनम गुप्ता न केवल एक सफल अधिकारी हैं, बल्कि वह एक ऐसी शख्सियत हैं जो समाज में बदलाव लाने के लिए प्रेरित करती हैं। उनकी कहानी हमें यह सिखाती है कि हमें कभी हार नहीं माननी चाहिए और हमेशा अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते रहना चाहिए।  


अगर आप भी अपने सपनों को पूरा करना चाहते हैं, तो पूनम गुप्ता की तरह मेहनत करें और कभी हार न मानें। क्योंकि, जहां चाह होती है, वहां राह भी होती है।  


यह लेख पूनम गुप्ता के जीवन और उनकी उपलब्धियों पर आधारित है। अगर आपको यह कहानी प्रेरणादायक लगी हो, तो इसे शेयर करें और दूसरों को भी प्रेरित करें।


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