उज्जैन के गौरव जगदीश वर्मा ने मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग (एमपीपीएससी) की परीक्षा में शानदार प्रदर्शन कर आबकारी उपनिरीक्षक (एक्साइज सब इंस्पेक्टर ) पद पर नियुक्ति हासिल की है। उनकी यह उपलब्धि ना केवल उनके परिवार बल्कि पूरे उज्जैन शहर के लिए गर्व का विषय है। गौरव की मेहनत और लगन ने यह साबित कर दिया कि यदि सच्चे इरादों और परिश्रम के साथ लक्ष्य की ओर बढ़ा जाए, तो सफलता जरूर मिलती है।
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गौरव जगदीश वर्मा |
गौरव जगदीश वर्मा की प्रारंभिक शिक्षा और पृष्ठभूमि
गौरव का जन्म उज्जैन के एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ। उनकी प्रारंभिक शिक्षा उज्जैन के एक प्राइवेट विद्यालय में हुई, जहाँ से उन्होंने अपनी बुनियादी शिक्षा प्राप्त की। बचपन से ही गौरव पढ़ाई में अव्वल रहे और उन्होंने हर कक्षा में अच्छे अंक हासिल किए।
गौरव ने उज्जैन के एक प्रतिष्ठित कॉलेज से स्नातक की डिग्री पूरी की। स्नातक के बाद उन्होंने एमपीपीएससी परीक्षा की तैयारी का निर्णय लिया। उनके परिवार ने भी उन्हें हर कदम पर समर्थन दिया और उनकी पढ़ाई के लिए हर संभव सहायता प्रदान की।
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गौरव वर्मा अपने परिवार के साथ |
एमपीपीएससी परीक्षा की तैयारी
एमपीपीएससी परीक्षा की तैयारी कोई आसान कार्य नहीं है। गौरव ने इस चुनौतीपूर्ण परीक्षा को पास करने के लिए एक सटीक योजना बनाई। उन्होंने सबसे पहले परीक्षा का पाठ्यक्रम अच्छी तरह से समझा और उसके अनुसार अपनी तैयारी शुरू की।
गौरव ने तैयारी के लिए विभिन्न विषयों को अलग-अलग समय दिया। उन्होंने सामान्य ज्ञान, इतिहास, भूगोल, राजनीति विज्ञान और करंट अफेयर्स पर विशेष ध्यान दिया। इसके साथ ही उन्होंने रोज़ाना मॉक टेस्ट दिए, जिससे उन्हें अपनी कमजोरियों को पहचानने और सुधारने में मदद मिली।
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गौरव जगदीश वर्मा |
संघर्ष और चुनौतियाँ
गौरव की सफलता की राह आसान नहीं थी। परीक्षा की तैयारी के दौरान उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। लंबे समय तक एकाग्रता बनाए रखना, वित्तीय चुनौतियाँ और सामाजिक दबाव जैसी समस्याओं को उन्होंने अपने मजबूत इरादों से पीछे छोड़ दिया।
उन्होंने खुद को सकारात्मक बनाए रखा और अपने लक्ष्य से कभी भटकने नहीं दिया। उनका मानना है कि आत्मविश्वास और धैर्य ही सफलता की कुंजी है।
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गौरव परिवार के साथ |
सफलता का क्षण
जब एमपीपीएससी परीक्षा का परिणाम घोषित हुआ, तो गौरव का नाम आबकारी उपनिरीक्षक (एक्साइज सब इंस्पेक्टर) पद के लिए चयनित उम्मीदवारों की सूची में देखकर उनके परिवार और दोस्तों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। गौरव ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता, शिक्षकों और दोस्तों को दिया, जिन्होंने उन्हें हर मुश्किल वक्त में समर्थन दिया।
गौरव ने कहा, “यह सफर मेरे लिए आसान नहीं था, लेकिन मेरी मेहनत और मेरे परिवार के समर्थन ने इसे संभव बनाया। मैं सभी युवाओं से कहना चाहता हूँ कि मेहनत और लगन से कोई भी सपना पूरा किया जा सकता है।”
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गौरव |
गौरव की प्रेरणा और भविष्य की योजनाएँ
गौरव का मानना है कि युवा अपनी क्षमताओं को पहचानें और अपने लक्ष्यों को पाने के लिए पूरी ईमानदारी और लगन से मेहनत करें। उनके इस सफर से प्रेरित होकर कई अन्य युवाओं ने भी एमपीपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी है।
अब, गौरव आबकारी उपनिरीक्षक (एक्साइज सब इंस्पेक्टर) के रूप में अपनी जिम्मेदारियों को पूरी ईमानदारी से निभाने का संकल्प लेते हैं। उनका उद्देश्य है कि वे समाज में सकारात्मक बदलाव लाएँ और अपने कर्तव्यों का पूरी निष्ठा से पालन करें।
संदेश
गौरव जगदीश वर्मा की सफलता की कहानी उन सभी युवाओं के लिए प्रेरणा है, जो बड़े सपने देखते हैं और उन्हें पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करने से नहीं घबराते। उनकी यह यात्रा साबित करती है कि सही दिशा में किया गया परिश्रम और अडिग संकल्प किसी भी लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है।
उज्जैन के गौरव ने अपने नाम को सही मायनों में सार्थक कर दिया और यह संदेश दिया कि सफलता उन्हीं को मिलती है, जो उसे पाने के लिए हर संभव प्रयास करते हैं।
यह लेख गौरव वर्मा के जीवन और उनकी उपलब्धियों पर आधारित है। अगर आपको यह कहानी प्रेरणादायक लगी हो, तो इसे शेयर करें और दूसरों को भी प्रेरित करें।
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