महाकुंभ 2025: 127 वर्षीय पद्मश्री स्वामी शिवानंद प्रत्येक कुंभ मेले में भाग लिया


महाकुंभ मेला, भारत की सबसे बड़ी आध्यात्मिक सभा, सदियों से श्रद्धालुओं और साधु-संतों के लिए एक विशेष स्थान रहा है। 1896 में जन्मे पद्मश्री स्वामी शिवानंद ने अपने जीवन के 100 वर्षों में प्रत्येक कुंभ मेले में भाग लिया। चाहे हरिद्वार हो, प्रयागराज, उज्जैन या नासिक, उन्होंने हर स्थान पर अपनी उपस्थिति से भक्तों को प्रेरित किया। उनकी इस अद्भुत उपलब्धि ने उन्हें न केवल भारत में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी प्रसिद्ध किया। उनका मानना हैं कि कुंभ मेले में गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम में स्नान करने से आत्मा शुद्ध होती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।


स्वामी शिवानंद

भारत की पावन भूमि पर कई महापुरुषों ने जन्म लिया है, लेकिन स्वामी शिवानंद का जीवन अपने आप में एक चमत्कार है। अपनी दीर्घायु, आध्यात्मिक साधना और साधारण जीवनशैली के कारण, उन्होंने न केवल भारतीय संस्कृति को समृद्ध किया है, बल्कि मानवता के लिए एक प्रेरणा बनकर उभरे हैं। खास बात यह है कि  पद्मश्री स्वामी शिवानंद ने 100 वर्षों में हर कुंभ मेले में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। यह उपलब्धि अपने आप में एक अद्वितीय उदाहरण है।


ये भी पढ़ें

ममता कुलकर्णी बनीं किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर श्री यमाई ममतानंद गिरी 


स्वामी शिवानंद का जन्म और प्रारंभिक जीवन

 स्वामी शिवानंद का जन्म  उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में हुआ था। बाल्यकाल से ही वे अत्यंत साधारण, आध्यात्मिक और धर्मपरायण प्रवृत्ति के थे। वे कम उम्र में ही वेदों और शास्त्रों का अध्ययन करने लगे। कठिन परिस्थितियों के बावजूद, उन्होंने अपनी आध्यात्मिक यात्रा जारी रखी। उनका बचपन कठिनाइयों और संघर्षों से भरा था, लेकिन उनकी आस्था और साधना ने उन्हें जीवन के हर मोड़ पर मजबूत बनाए रखा।


स्वामी शिवानंद

 पद्मश्री से सम्मानित जीवन

स्वामी शिवानंद का साधारण जीवन और अडिग आस्था उन्हें दूसरों से अलग बनाती है।  स्वामी शिवानंद ने अपने लंबे जीवन में सदैव योग, ध्यान और साधना पर ध्यान केंद्रित किया। उन्हें 2022 में भारत सरकार द्वारा पद्मश्री से सम्मानित किया गया। इस सम्मान ने उनके अद्वितीय योगदान को पहचाना और यह प्रमाणित किया कि भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता को बढ़ावा देने में उनका योगदान अतुलनीय है।


ये भी पढ़ें

महाकुंभ 2025 : वायरल गर्ल मोनालिसा ने छोड़ा महाकुंभ, अपहरण की मिली थी धमकी ?


स्वस्थ जीवन का रहस्य

स्वामी शिवानंद का जीवन उनकी दीर्घायु का सबसे बड़ा उदाहरण है। स्वामी शिवानंद ने अपनी लंबी उम्र का श्रेय अपने साधारण जीवनशैली को दिया। उन्होंने हमेशा सात्विक आहार का सेवन किया, नियमित योग और ध्यान किया, और अनुशासित दिनचर्या का पालन किया।

उनकी दिनचर्या में ब्रह्म मुहूर्त में जागना, गंगा स्नान करना, योग और ध्यान का अभ्यास करना शामिल हैं। वे सादा जीवन और उच्च विचार के सिद्धांत को मानते हैं। उनका मानना हैं कि आत्मा की शुद्धता और मन की शांति से दीर्घायु प्राप्त की जा सकती है।

ये भी पढ़ें

प्रयागराज के महाकुंभ में आईआईटी बाबा अभय सिंह: साधना, संघर्ष और मोक्ष की ओर यात्रा


कुंभ मेले के अनुभव

100 वर्षों में सभी कुंभ मेलों में उपस्थित होकर, स्वामी शिवानंद ने अपने अनुभवों से लाखों श्रद्धालुओं को प्रेरित किया। वे कुंभ मेले को न केवल एक धार्मिक उत्सव मानते थे, बल्कि इसे आत्मशुद्धि और मोक्ष प्राप्ति का अवसर भी समझते हैं।
हर कुंभ मेले में वे साधु-संतों और भक्तों के साथ संवाद करते हैं और उन्हें जीवन के सत्य और धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देते हैं। उनके अनुसार, जीवन का मुख्य उद्देश्य आत्मा की शुद्धता और मोक्ष प्राप्त करना है। वे लोगों को सिखाते हैं कि सादा जीवन और उच्च विचार ही सच्चा धर्म है। उनका कहना हैं कि कुंभ मेले में भाग लेना आत्मा को परमात्मा से जोड़ने का सबसे उत्तम माध्यम है।


समर्पण और सेवा का प्रतीक

1896 में जन्मे पद्मश्री स्वामी शिवानंद का जीवन एक प्रेरणा है। उन्होंने न केवल 100 वर्षों में सभी कुंभ मेलों में भाग लेकर इतिहास रचा, बल्कि अपनी साधना और सेवा से भारतीय संस्कृति को समृद्ध किया। उन्होंने अपनी लंबी उम्र और अनुभवों का उपयोग समाज को जागरूक करने और आध्यात्मिकता का प्रचार-प्रसार करने में किया।  उनका जीवन सिखाता है कि साधारण जीवनशैली, सच्ची आस्था और मानवता की सेवा से न केवल दीर्घायु प्राप्त होती है, बल्कि मोक्ष का मार्ग भी प्रशस्त होता है।

क्या आप भी इस खबर से हैरान हैं? हमें अपनी राय नीचे कमेंट में बताएं।


ये भी पढ़ें

'कलाम वर्ल्ड रिकॉर्ड्स'- 14 महीने की मासूम ''मनस्मिता" का कमाल


ये भी पढ़ें

"एमपीपीएससी परीक्षा में उज्जैन के गौरव वर्मा की जीत: आबकारी उपनिरीक्षक पद पर नियुक्ति 


ये भी पढ़ें

चंद्रपुर का गौरव "अथर्व मोहुरले " को गणतंत्र दिवस पर सम्मानित करेंगे


ये भी पढ़ें

रेमो डिसूजा और राजपाल यादव  के बाद कपिल शर्मा को मिली जान से मारने की धमकी




Post a Comment

Previous Post Next Post