आज हम आपको एक ऐसी प्रेम कहानी सुनाने जा रहे हैं, जो न सिर्फ दिल छू लेने वाली है, बल्कि सांस्कृतिक और भौगोलिक सीमाओं को पार करती है। यह कहानी है तमिलनाडु के उदयकुमार और यूक्रेन की अनास्तासिया की, जिनकी लव स्टोरी ने दोस्ती से शुरुआत की, प्यार में बदली और भारतीय रीति-रिवाजों से हुई शादी के साथ एक नए अध्याय में प्रवेश किया।
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उदयकुमार और अनास्तासिया |
तमिलनाडु के विलुप्पुरम जिले के उदयकुमार और यूक्रेन की अनास्तासिया की प्रेम कहानी किसी फिल्मी पटकथा से कम नहीं है। दो अलग-अलग देशों, भाषाओं और संस्कृतियों के बीच पनपा यह प्रेम, अनेक चुनौतियों के बावजूद विवाह के पवित्र बंधन तक पहुंचा।
अनोखी प्रेम कहानी की शुरुआत?
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अनास्तासिया |
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उदयकुमार ने कोयंबटूर से इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद छह साल पहले स्लोवाकिया का रुख किया। वहीं उनकी मुलाकात अनास्तासिया से हुई। पहले दोनों के बीच दोस्ती हुई, जो धीरे-धीरे गहरे प्रेम में बदल गई।
पहली मुलाकात में आई मुश्किलें
उदयकुमार ने अनास्तासिया से मिलने के लिए यूक्रेन जाने का निर्णय लिया। लेकिन जब वे वहां पहुंचे, तो अनास्तासिया किसी और स्थान पर थीं। न तो फोन काम कर रहा था, न ही कोई स्पष्ट पता था। दोनों आधे दिन तक एक-दूसरे को खोजते रहे। आखिरकार, उदयकुमार ने एक दुकान से कॉल किया और किसी तरह सही स्थान पर पहुंचे। इस घटना ने अनास्तासिया को डरा दिया था, लेकिन उनके रिश्ते की मजबूती ने इस चुनौती को पार कर लिया।
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मुसीबतों के बीच मजबूत हुआ रिश्ता
पहली मुलाकात की कठिनाइयों के बावजूद, दोनों का प्रेम और गहरा होता गया। पांच साल तक उन्होंने अपने रिश्ते को निभाया। जब उदयकुमार ने अपने परिवार को अनास्तासिया के बारे में बताया, तो पहले तो परिवार ने इस अंतरराष्ट्रीय विवाह के लिए मना कर दिया। लेकिन उदयकुमार के चाचा चक्कराई, जो पेरियार की विचारधारा के अनुयायी हैं, ने परिवार को समझाया और अंततः सभी ने इस रिश्ते को स्वीकार कर लिया।
तमिल रीति-रिवाजों से हुई अनोखी शादी
अनास्तासिया के परिवार ने भी इस विवाह को खुशी-खुशी अपनाया। 30 तारीख को दोनों विलुप्पुरम पहुंचे और काप्पियाम्पुलियूर पेरुमल मंदिर में तमिल रीति-रिवाजों से विवाह संपन्न हुआ।
युद्ध के बीच अनास्तासिया का परिवार
यूक्रेन में युद्ध के कारण अनास्तासिया की मां और अन्य संबंधी स्लोवाकिया चले गए। उनके पिता विवाह में शामिल नहीं हो सके क्योंकि यूक्रेन में पुरुषों को बाहर जाने की अनुमति नहीं है। उदयकुमार ने बताया कि उनकी शादीशुदा जिंदगी बहुत अच्छी चल रही है। अनास्तासिया अब तमिल सीख रही हैं ताकि परिवार और दोस्तों से आसानी से बात कर सकें।
उदयकुमार और अनास्तासिया की यह कहानी साबित करती है कि सच्चा प्रेम किसी भी बाधा को पार कर सकता है। यह कहानी हमें सिखाती है कि प्रेम की कोई सीमा नहीं होती और सच्चे प्रेम के सामने सभी चुनौतियाँ छोटी पड़ जाती हैं।
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